Wed 16th February 2022

कविता

कविता
सिवा प्रेम के

पेड़ बचाओ
पक्षी बचाओ
प्रकृति बचाओ
पर्यावरण बचाओ

नदी बचाओ
तालाब बचाओ
पानी बचाओ

शेर बचाओ
हाथी बचाओ
गाय बचाओ

आसमान बचाओ
पृथ्वी बचाओ

भाषा बचाओ
संस्कृति बचाओ
धर्म बचाओ

बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ

हम सब कुछ बचाने की नारे बाज़ी में व्यस्त हैं
सब के आंकड़े हैं
चैनलों पर बहस जारी है

वाद हैं
विवाद हैं

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पोस्ट
रिपोस्ट
मोमबत्ती की फ़ोटो

हम झगड़ रहे हैं
खुद को अधिक संवेदनशील सिद्ध करने के चक्कर में

इन सबके बीच
प्रेम छीज रहा
और सब के सब
बलात्कारी।